'लक्ष्य' वास्तव में एक चुनौती है जो छात्र स्वय के सामने रखता है।इस चुनौती को पूरा करने हेतु अपनी क्षमता योग्यता को सगांठित रूप से एकजुट कर अन्य फ़ालतू कार्यों को तिलांजलि देकर विभिन्न परिस्थितियों का डटकर सामना करते हुवे संकलिपत हो जाता हैं।
  1. लक्ष्य निर्धारण करने से आपकी शक्तित ,समय एवं प्रयास एक निश्चित दिशा में कार्य है।
  2. लक्ष्य निर्धारण आपकी साही निर्णय लेने में सहायक होता हैं।
  3. लक्ष्य निर्धारण से आपको उस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु आवश्यक उत्प्रेरण 'Motivation' मिलता है।
  4. लक्ष्य निर्धारण से आप उस लक्ष्य को प्राप्त करने     हेतु अनुशासित होकर प्रयास करने लगते हैं।
  5. लक्ष्य निर्धारण अर्थ, आपसे 'आत्मविश्वास' का होना व्यकत करता है।यह आत्मविश्वास ही आपकी शाक्ति/सामथ्रय को लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर करता है।
  6. लक्ष्य निर्धारण आपको आपके वर्तमान कार्यकलापों के सम्बंध में यह सोचने को मजबूर करता है कि कौन से कार्यकलापों ,लक्ष्य प्राप्ति में साधक है एवं कौन से बाधक है।
  7. लक्ष्य निर्धारण आपको उचित योजना बनाकर उस लक्ष्य प्राप्ति की ओर योजनाबद्ध रूप से आगे बढ़ता है।
8. लक्ष्य निर्धारण के बाद ,उस लक्ष्य की प्राप्ति ही           सच्ची खुशी एवम सफलता है।

[ "True Happiness and Success is nothing But Attainment of Goals"]
Views

Post a Comment

أحدث أقدم