डॉ ० ए० पी० जे० अब्दुल कलम का जन्म एक गरीब मध्यम वर्गीय परिवार में वर्षीय 1931 में तमिलनाडू के रामेश्वर गांव में हुआ !गरीब की सभी कठिनायो एवं परेसनियो का समना करते हुए ,वे भारत के राष्ट्रीय के पद तक जा पहुचे |
भारत को मिस्यिल टेक्नोलॉजी में विस्वस्तर पर गोरव दिलाने का श्रेय डॉ कलम को ही जाता है |
एक सम्पूर्ण व्यकित्त्व के स्वामी डॉ कलाम ईएक ऐसा उद्धरण ह जिनका कोई सनी नहीं |जब उन्हें भारतं रतन के अवार्ड से नवाजा गया तो उन्होंने कहा
"I couldn't have done it by myself.Behind Me There Were
Thousand Of Scientists .i only Shapend The Programme."
भारत को सुपर पॉवर बनाने का ड्रीम देखने वाले डॉ कलम ने देस्वसियो एवं अपने सथियो के लिए दिया यह सन्देश ,उनके महानता होने को व्यक्त करता है|
"Dream,dream and dream .Turn the dream into thoughts and thoughts Will transform into Action "
[ DR A.P.J. Abdul Kalam]
डॉ कलाम हमेसा कहा करते है|
"We must think and act like a nation of a bilion people and not like a nation of amillion People"
जीवन में अस्फ्ल्तावो का सामना डॉ अब्दुल कलाम ने भी किया |एक बार वह हिंदुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड में नोकरी हेतु गए गतो उनका नंबर नोवा था जब की रिक्तिय मात्र आठ ही थी |वे काफी निराश हुवे लेकिन हारना उन्होंने नहीं सिखा
जॉन एफ० केनेडी के डॉ ० कलम के संबंध में कहे निम्न सब्दो को देखे जो वास्तु द्वारा विश्व में अर्जित सम्मान को व्यक्त करने हेतु पर्याप्त है|
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भारत को मिस्यिल टेक्नोलॉजी में विस्वस्तर पर गोरव दिलाने का श्रेय डॉ कलम को ही जाता है |
एक सम्पूर्ण व्यकित्त्व के स्वामी डॉ कलाम ईएक ऐसा उद्धरण ह जिनका कोई सनी नहीं |जब उन्हें भारतं रतन के अवार्ड से नवाजा गया तो उन्होंने कहा
"I couldn't have done it by myself.Behind Me There Were
Thousand Of Scientists .i only Shapend The Programme."
भारत को सुपर पॉवर बनाने का ड्रीम देखने वाले डॉ कलम ने देस्वसियो एवं अपने सथियो के लिए दिया यह सन्देश ,उनके महानता होने को व्यक्त करता है|
"Dream,dream and dream .Turn the dream into thoughts and thoughts Will transform into Action "
[ DR A.P.J. Abdul Kalam]
डॉ कलाम हमेसा कहा करते है|
"We must think and act like a nation of a bilion people and not like a nation of amillion People"
जीवन में अस्फ्ल्तावो का सामना डॉ अब्दुल कलाम ने भी किया |एक बार वह हिंदुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड में नोकरी हेतु गए गतो उनका नंबर नोवा था जब की रिक्तिय मात्र आठ ही थी |वे काफी निराश हुवे लेकिन हारना उन्होंने नहीं सिखा
जॉन एफ० केनेडी के डॉ ० कलम के संबंध में कहे निम्न सब्दो को देखे जो वास्तु द्वारा विश्व में अर्जित सम्मान को व्यक्त करने हेतु पर्याप्त है|
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